Indiqube Spaces Share Market: इंडिक्यूब स्पेसेज की कमजोर लिस्टिंग से आईपीओ निवेशकों को झटका

Indiqube Spaces Share Market: वर्कप्लेस सॉल्यूशंस प्रदान करने वाली कंपनी इंडिक्यूब स्पेसेज की आज शेयर बाजार में हुई कमजोर लिस्टिंग ने इसके आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। एनएसई पर कंपनी के शेयरों की शुरुआत उम्मीद से कम कीमत पर हुई, जिससे निवेशकों को पहले ही दिन नुकसान झेलना पड़ा।

लिस्टिंग के साथ ही शेयरों में गिरावट

इंडिक्यूब स्पेसेज का आईपीओ 237 रुपये प्रति शेयर की दर से जारी किया गया था। लेकिन आज शेयर की एनएसई पर 216 रुपये पर लिस्टिंग हुई, जो इश्यू प्राइस से करीब 8.86% कम है। लिस्टिंग के तुरंत बाद मुनाफावसूली के चलते बिकवाली बढ़ गई और सुबह 11 बजे तक शेयर 210.10 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। इस तरह अब तक के कारोबार में आईपीओ निवेशकों को लगभग 11.35% का नुकसान हो चुका है।

आईपीओ की डिटेल्स: 700 करोड़ का इश्यू

इंडिक्यूब स्पेसेज का आईपीओ 23 से 25 जुलाई के बीच निवेश के लिए खुला था। यह इश्यू कुल 700 करोड़ रुपये का था, जिसमें से 650 करोड़ रुपये के नए शेयर और 50 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचे गए थे। OFS कंपनी के प्रमोटर्स ऋषि दास और मेघना अग्रवाल द्वारा लाया गया था।

आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोग

कंपनी ने प्रॉस्पेक्टस में बताया है कि IPO से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल मुख्यतः नए वर्किंग स्पेस के निर्माण और अन्य कॉरपोरेट उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाएगा। इससे कंपनी अपने क्लाइंट्स को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर देने की योजना बना रही है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजना

31 मार्च 2025 तक के लक्ष्य के अनुसार, कंपनी के पास भारत के 15 शहरों में 115 सेंटर्स होंगे, जो 8.40 मिलियन वर्ग फुट एरिया और 1,86,719 सीटिंग कैपेसिटी को मैनेज करेंगे। कंपनी भविष्य में अपने कमर्शियल रियल एस्टेट पोर्टफोलियो का विस्तार बड़े पैमाने और विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में करने की योजना पर काम कर रही है।

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निवेशकों की चिंता बढ़ी

आईपीओ से पहले इंडिक्यूब स्पेसेज को लेकर बाजार में सकारात्मक माहौल था, लेकिन कमजोर लिस्टिंग और तेजी से गिरते शेयर मूल्य ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। अब बाजार की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कंपनी कैसे प्रदर्शन करती है और क्या वह निवेशकों का भरोसा दोबारा जीत पाएगी।

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