
Prayagraj News: इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में सोमवार को संचार के सिद्धांत विषय पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ मीडिया शिक्षक प्रो. ओपी सिंह ने संचार की मूलभूल संचरना पर प्रकाश डाला। विभागाध्यक्ष प्रो. अश्वजीत चौधरी के निर्देशन में हुए विशिष्ट व्याख्यान में विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने भाग लिया।
इस असवर पर प्रो. ओपी सिंह ने कहा कि पाणिनी ने संचार की मूलभूत संरचना को पश्चिम के संचार वैज्ञानिकों से पहले से वर्णित कर दी थी। उन्होंने प्रथम, मध्यम और उत्तम पुरुष के माध्यम से संचार के मूल संचरना को समझाया। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में संचार के मूल सिद्धांतों का वर्णन किया है। उन्होंने संचार के चरणों और माध्यमों के मूल परिभाषा को भी निर्मित करके स्पष्ट किया कि संचार किस प्रकार मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। उन्होंने कहा कि मानव सबसे ज्यादा अंतरावैयक्तिक संचार यानी स्वयं से संचार करता है। वह दूसरों से तो केवल करीब 7 प्रतिशत की बात कहता और और शेष बातें स्वयं के पास ही रख लेता है। उन्हांने विद्यार्थियों को सलाह दी कि पुस्तकों के साथ जनसंचार के विभिन्न शब्दकोशों को भी पढ़ना चाहिए ताकि शब्द के मूल की गहन जानकारी हो सके।
मंच संचालन डा. शिव गोपाल यादव ने किया। डा. राम अवतार यादव ने अतिथि प्रो. ओपी सिंह को धन्यवाद ज्ञापित किया तो डा. अमित शर्मा ने उनका स्वागत किया। इस दौरान विभाग के शिक्षक डा. रवि सूर्यवंशी भी उपस्थित रहे।