
Pratapgarh News- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की प्रशासनिक न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने कहा कि बार और बेंच के बीच बेहतर समन्वय न्यायिक अवधारणा की मजबूती का मूल आधार है। उन्होंने कहा कि पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए अधिवक्ताओं को उसकी पीड़ा को समझना होगा और संवेदनशीलता के साथ न्यायिक कार्य में तत्पर रहना होगा।
शनिवार को कुंडा स्थित न्याय भवन में आयोजित सिविल बार एसोसिएशन के स्वागत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने यह बात कही। उन्होंने अधिवक्ताओं से न्यायिक सुचिता बनाए रखने और विधिक ज्ञान को लगातार समृद्ध करते रहने का आह्वान किया। न्यायमूर्ति ने अधिवक्ताओं द्वारा प्रस्तुत समस्याओं के समाधान का भरोसा भी दिलाया।
समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें न्यायमूर्ति मंजूरानी के साथ जिला जज सत्यप्रकाश त्रिपाठी एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुमुद उपाध्याय ने भाग लिया।
न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता पर जोर
इस अवसर पर जिला जज श्री त्रिपाठी ने न्यायिक कार्यों में समयबद्धता व दक्षता पर बल दिया। एसीजेएम आकृति गौतम ने बेंच की ओर से न्यायिक कार्य में पारदर्शिता बनाए रखने का आश्वासन दिया।
सम्मान व अभिनंदन
सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद ने स्वागत भाषण देते हुए न्यायमूर्ति का आभार जताया। संचालन अधिवक्ता घनश्याम शुक्ला ने किया। समारोह में रूरल बार एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने “सुगम न्याय” की अवधारणा पर विचार रखे।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति मंजूरानी को स्मृति चिन्ह एवं बुकें भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही, जिला जज सत्यप्रकाश त्रिपाठी, अपर जिला जज बाबूराम, सीजेएम कुमुद उपाध्याय, एसीजेएम आकृति गौतम तथा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रशांत सिंह को भी बार एसोसिएशन की ओर से अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
पौधरोपण एवं न्यायिक कक्षों का निरीक्षण
कार्यक्रम के पश्चात न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने न्यायिक कक्षों का निरीक्षण किया एवं उनकी वातानुकूलन हेतु प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। पर्यावरण संरक्षण के अंतर्गत उन्होंने न्याय भवन परिसर में पर्यावरण सेना के संयोजन में आम, महुआ, नीम व जामुन के पौधों का रोपण भी किया।
गॉड ऑफ ऑनर के साथ हुआ स्वागत
समारोह से पूर्व प्रशासनिक न्यायमूर्ति को कुंडा न्याय भवन परिसर में गॉड ऑफ ऑनर देकर भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर अनेक वरिष्ठ अधिवक्ता, सरकारी वकील, न्यायिक अधिकारी एवं गणमान्यजन उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से रामसेवक, पवन शुक्ल, डॉ. एस.पी. सिंह, संतोष तिवारी, अनिल शुक्ल, योगेश उपाध्याय, जियालाल, रमाकांत तिवारी आदि शामिल थे।
रिपोर्ट : उमेश पांडेय, यूनाइटेड भारत