
Prayagraj News- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नगीना के सांसद व आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद रावण को कुछ राहत दी है।
कोर्ट ने कहा अधीनस्थ अदालत याची की अपराध से उन्मोचित करने की अर्जी को फिर से सुनकर आदेश पारित करें। इससे पहले अर्जी खारिज कर दी गई थी।जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने शुक्रवार को एसीजेएम कोर्ट सहारनपुर के उस आदेश को रद कर दिया है जिसमें अपराध मुक्त किए जाने संबंधी चंद्रशेखर की अर्जी खारिज कर दी गई थी। हाई कोर्ट ने संबंधित अदालत को नए सिरे से निर्णय लेने के लिए मामला वापस भेज दिया है।
मुकदमे से जुड़े विवरण के अनुसार सहारनपुर कोतवाली देहात थाना क्षेत्र में 2017 में चंद्रशेखर के खिलाफ बिना अनुमति सभा करने, हिंसा भड़काने व आगजनी आदि आरोपों में एफआइआर दर्ज की गई थी। चंद्रशेखर ने 10 मार्च 2025 को सहारनपुर की एसीजेएम कोर्ट में डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिसे खारिज कर गया। सांसद ने इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर संपूर्ण कार्रवाई रद करने की मांग की।
सहारनपुर के रामनगर में आठ मई 2017 को जातीय हिंसा हुई थी। इस मामले में शिकायतकर्ता सुधीर कुमार गुप्ता ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पुलिस ने इस घटना के बाद पीड़ितों की तहरीर पर एफआइआर दर्ज की थी। इस घटना की विवेचना के दौरान करीब 14 लोगों को आरोपित बनाया गया है। चंद्रशेखर आजाद को भी हिंसा भड़काने और अन्य धाराओं में आरोपित बनाया गया है।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज