
Pratapgarh news: जनपद प्रतापगढ़ पुलिस ने एक अंतरजनपदीय ठग गिरोह का सनसनीखेज खुलासा किया है, जो खुद को सीबीआई व इनकम टैक्स अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करता था। इस संगठित गिरोह ने 14 जुलाई को लगभग 5 लाख रुपये की टप्पेबाजी की थी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देश पर गठित स्पेशल टीम ने 24 घंटे के भीतर इस जालसाजी का सफल अनावरण कर पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।
घटना का पूरा विवरण
वादी और उसका सहयोगी राम विशाल तिवारी 14 जुलाई को मजदूरी कार्य हेतु जा रहे थे, तभी उड़ैयाडीह से पृथ्वीगंज मार्ग पर नहर पुलिया के पास तीन अज्ञात व्यक्तियों ने खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताकर तलाशी के बहाने उनसे भरा हुआ कैश बैग (लगभग 5 लाख) ठग लिया। जांच में पता चला कि इस अपराध में राम विशाल की मिलीभगत थी।
गिरफ्तारी और बरामदगी
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर महदहा गांव के पास नहर पुलिया से पांच अभियुक्तों – बृजेश सिंह, राम विशाल तिवारी, रामसकल केवट, लल्लू केवट और रंजीत कुमार यादव को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 3.30 लाख रुपये नकद, एक मोटरसाइकिल, 06 मोबाइल फोन, नकली नोटों की 05 गड्डियां (कुल मूल्य ₹3.69 लाख), फर्जी आईडी कार्ड (सीबीआई/इनकम टैक्स) और एक तमंचा 315 बोर व दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे लोग पहले से सुनियोजित योजना के तहत ठगी करते हैं। इस घटना में राम विशाल तिवारी ने वादी को मजदूरी के बहाने जाल में फंसाया। तीन सदस्य अधिकारी बनकर आए और चेकिंग के नाम पर कैश ले भागे। नकली नोटों को असली के साथ मिलाकर ठगी की योजना बनाई जाती थी।
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अपराधिक इतिहास और पुलिस का संदेश
गिरफ्तार सभी अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास लंबा और संगीन है, जिन पर पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस अधीक्षक ने जनता से अपील की है कि किसी भी व्यक्ति के सरकारी अधिकारी होने के दावे पर बिना पुष्टि के विश्वास न करें और संदिग्ध स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें।
रिपोर्ट – उमेश पाण्डेय, यूनाइटेड भारत