Pratapgarh strike impact: बेल्हा में ट्रेड यूनियन ने पुरानी पेंशन सहित कई मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

Pratapgarh strike impact: बेल्हा में केंद्र और राज्य कर्मचारी संगठनों के आवाहन पर आयोजित ऐतिहासिक आम हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। इस हड़ताल को किसान संगठनों का समर्थन भी प्राप्त हुआ।

जिलेभर में हड़ताल का व्यापक असर

जनपद प्रतापगढ़ में बीमा, ग्रामीण बैंक, बीएसएनएल, बिजली विभाग, लोक निर्माण विभाग सहित कई संगठनों ने पूर्ण रूप से हड़ताल में भाग लिया। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज यूनियन के सदस्य वेतन कटवाकर हड़ताल पर रहे, जबकि असंगठित क्षेत्र के श्रमिक भी आंदोलन में शामिल हुए।

कर्मचारियों और श्रमिक संगठनों की सभा

जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल, प्रतापगढ़ के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट परिसर स्थित एनआईसी कार्यालय के सामने विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी एकत्र हुए। सभा को कई प्रमुख नेताओं ने संबोधित किया, जिनमें शामिल रहे:

  • हेमंत नंदन ओझा (प्रांतीय मंत्री, AITUC एवं अध्यक्ष, जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल)

  • नरेंद्र प्रसाद मिश्र (अध्यक्ष, यूपी बैंक एम्प्लाई यूनियन)

  • अनिल सिंह (संरक्षक, आंगनबाड़ी कर्मचारी संगठन)

  • करुणेश प्रताप सिंह (अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद)

  • महेश चंद सरोज (मंत्री, पल्लेदार मजदूर यूनियन)

  • राघवेंद्र मिश्रा (जिला मंत्री, यूपी भवन एवं संनिर्माण श्रमिक संघ)

  • विजय बहादुर सिंह (उपाध्यक्ष, यूपी बिजली कर्मचारी संघ)

  • अभिनव सिंह व राजकुमार पांडे (बीमा इंप्लाइज संगठन)

  • डी. आर. मिश्रा (जिला मंत्री, BSNL एम्प्लाइज यूनियन)

  • विजयानंद तिवारी (जिला मंत्री, अखिल भारतीय किसान मजदूर संगठन)

  • सुरेश मिश्रा, संदीप सिंह, आकाश श्रीवास्तव, सुनीत झा, राजेश मोहन मिश्रा, रमाशंकर तिवारी, आशुतोष शुक्ला, निर्भय प्रताप सिंह सहित कई अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

श्रमिकों और कर्मचारियों की बिगड़ती स्थिति पर चिंता

वक्ताओं ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें श्रमिकों और कर्मचारियों के अधिकारों को लगातार कुचल रही हैं। श्रम कानूनों को समाप्त कर देश को संकट की ओर ले जाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि न्यूनतम मजदूरी का भी भुगतान नहीं किया जा रहा और संविदा व आउटसोर्सिंग से श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है।

राष्ट्रपति को संबोधित 17 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया

सभा के अंत में राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा गया, जिसमें प्रमुख मांगें निम्नलिखित थीं:

  1. चारों श्रम संहिताओं को रद्द किया जाए

  2. सभी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती हो

  3. संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किया जाए

  4. समान कार्य के लिए समान वेतन

  5. आउटसोर्सिंग व्यवस्था समाप्त की जाए

  6. पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल की जाए

  7. स्कीम वर्कर्स को राज्य कर्मचारी का दर्जा मिले

  8. न्यूनतम मजदूरी ₹26,000 तय की जाए

  9. EPF की सीमा ₹31,000 वेतन तक बढ़ाई जाए

  10. नई शिक्षा नीति रद्द की जाए

  11. मनरेगा में मजदूरी दोगुनी की जाए व सालभर काम मिले

  12. बिजली वितरण निगमों का निजीकरण रोका जाए

  13. स्मार्ट मीटर योजना समाप्त की जाए

  14. किसानों को मुफ्त और आम जनता को सस्ती बिजली मिले

  15. हटाए गए संविदा कर्मियों की पुनर्नियुक्ति हो

वामपंथी दलों का समर्थन

सभा स्थल पर वामपंथी दलों ने भी समर्थन जताया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, CPI (M), SUCI के जिला नेताओं ने पहुंचकर कर्मचारियों की मांगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की।

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हड़ताल को सफल बनाने पर जताया आभार

जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के अध्यक्ष हेमंत नंदन ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जनपद के सभी श्रमिकों और कर्मचारियों को 9 जुलाई की हड़ताल को सफल बनाने के लिए आभार प्रकट किया।

रिपोर्ट: उमेश पाण्डेय, यूनाइटेड भारत, प्रतापगढ़

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