Naini News: बाढ़ के खतरे को देखते हुए अरैल में नौका विहार पर रोक

कमिश्नरेट प्रशासन ने नदियों के पास जाने पर रोक लगाई

Naini News: कुंभ नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना का बढ़ना जारी है। दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। खतरे के निशान से लगभग 8 मीटर नीचे नदियों का बहाव तेजी पर है। मंगलवार शाम 4:00 बजे तक फाफामऊ में गंगा 78.28 मी. लेवल पर स्थिर है। वही छतनाग में गंगा का लेवल 76. 26 पर पहुंच गया है। यहां गंगा 15 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। जबकि नैनी क्षेत्र में यमुना नदी 9 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 77.43 मी. लेवल पर पहुंच गई है। इन नदियों का डेंजर लेवल 84. 734 मी है।

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नदियों के जलस्तर में वृद्धि के चलते खतरा भांप कर कमिश्नरेट प्रशासन ने बाढ़ के पानी में नहाने पर रोक लगा दी है। अरैल और आसपास के घाटों पर नौका संचालन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐतिहात के तौर पर नदी किनारे के सभी घाटों पर श्रद्धालुओं को जाने नहीं दिया जा रहा है। नाविकों से भी जिलाधिकारी रविंद्र मांदड़ ने नौका नदियों में ना ले जाने का आग्रह किया है। प्रशासन की गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इसके तहत दोनों नदियों में नौका विहार पर रोक लगा दी गई है। जिलाधिकारी ने अरैल क्षेत्र में बाढ़ देखने आने वाले लोगों से अपील की है कि घाटों पर नहीं जाएं। ना ही नदियों में स्नान करें। घाटों पर अपनी अपनी चौकियां लगाने वाले पुरोहितों ने भी जगह खाली कर दी हैं। श्रद्धालुओं को संगम तक ले जाने वाले अरैल के नाविकों का रोजगार भी बाढ़ के चलते ठप हो गया है। अरैल घाट पर सभी नौकाएं खूटी में बांध कर खड़ी कर दी गई हैं। जिलाधिकारी रविंद्र मांदड़ ने स्पष्ट किया है कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए जान माल की सुरक्षा के दृष्टिगत सभी प्रकार के नौका विहार पर रोक लगा दी गई है। अरैल से संगम श्रद्धालुओं को ले जाने में नाविकों को अच्छी कमाई हो जाती थी लेकिन बाढ़ के खतरे को देखते हुए नौका संचालन रोक दिए जाने से उनकी रोजी-रोटी प्रभावित हो गई है।

रिपोर्ट- घनश्याम शुक्ला

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