Prayagraj News-आपराधिक इतिहास छिपाकर जमानत मांगना न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग

Prayagraj News-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के आरोपी इमरान की जमानत अर्जी खारिज कर दी है, क्योंकि उसने अपने आपराधिक इतिहास से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों को जानबूझकर छिपाया था। न्यायालय ने कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

जमानत अर्जी के विरोध में तर्क
राज्य के अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि इमरान के खिलाफ गैंग-चार्ट में बताए गए तीन मामलों के अतिरिक्त सात और आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिन्हें छिपाया गया है। इन मामलों में आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, और आईपीसी की विभिन्न धाराएं शामिल हैं।

न्यायालय का फैसला
न्यायालय ने कहा कि याची स्वच्छ हृदय से अदालत नहीं आया है, क्योंकि उसने अपने आपराधिक इतिहास की पूरी जानकारी नहीं दी। न्यायालय ने दोहराया कि जमानत पर विचार करते समय आरोपी के आपराधिक इतिहास को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, और आदतन अपराधियों के मामलों में जमानत देने के लिए अदालतों को विवेकपूर्ण तरीके से अपनी शक्तियों का प्रयोग करना चाहिए।

न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग
न्यायालय ने कहा कि अदालतों का काम न्याय प्रदान करना है, और जो व्यक्ति न्याय के लिए अदालत आता है उसे पूरी सच्चाई और बिना किसी तथ्य को छिपाए आना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि जो व्यक्ति भौतिक तथ्यों को छिपाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं, वे राहत पाने के हकदार नहीं होते।

निष्कर्ष
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि न्यायालय आपराधिक इतिहास को छिपाकर जमानत मांगने को न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग मानता है, और ऐसे मामलों में जमानत देने से इंकार कर सकता है।

रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज

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