
Prayagraj News: वर्षों से लंबित आपराधिक मामलों की विवेचना को लेकर पुलिस विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। यमुनानगर जोन में तैनात 15 सब-इंस्पेक्टरों (एसआई) के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। इन सभी अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बिना किसी ठोस कारण के कई वर्षों तक केस की विवेचना लटकाए रखी, जिससे न्याय प्रक्रिया बाधित हुई और फरियादियों को अनावश्यक रूप से लंबा इंतजार करना पड़ा।
करछना व मेजा सर्किल के थानों में तैनात हैं आरोपी विवेचक
ये सभी 15 विवेचक प्रयागराज जिले के करछना व मेजा सर्किल में स्थित छह अलग-अलग थानों—मेजा, मांडा, कोरांव, करछना, नैनी और औद्योगिक क्षेत्र—में तैनात हैं। डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव के निर्देश पर इनकी प्रारंभिक जांच शुरू करा दी गई है।
समीक्षा में नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब
सूत्रों के अनुसार, जिले में लंबित विवेचनाओं को निपटाने के लिए हाल ही में एक विशेष अभियान शुरू किया गया था। इसके तहत सर्किलवार समीक्षा की गई, जिसमें मेजा और करछना सर्किल के थानों की विवेचनाओं को प्राथमिकता दी गई। जब इन 15 एसआई से वर्षों तक केस लटके रहने का कारण पूछा गया, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, जिसके बाद उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया गया।
अब बारा व कौंधियारा सर्किल की बारी
अगले चरण में बारा और कौंधियारा सर्किल की लंबित विवेचनाओं की समीक्षा की जाएगी। इसमें घूरपूर, कौंधियारा, खीरी, बारा, शंकरगढ़ और लालापुर थाने शामिल हैं।
नंबर गेम:
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6 साल तक की विवेचनाएं लंबित
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6 थानों की समीक्षा पूरी
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15 विवेचकों की जांच के आदेश जारी
लंबित विवेचना से होते हैं ये नुकसान:
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पेंडेंसी में अनावश्यक वृद्धि
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फरियादी को समय पर न्याय नहीं
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आरोपी लाभ उठाकर बच निकलते हैं
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डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव ने स्पष्ट किया कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभागीय अनुशासन और जवाबदेही तय करना अब प्राथमिकता है, ताकि जनता को समय पर न्याय मिल सके और पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली में सुधार हो।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा, प्रयागराज