
Lucknow News-उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, प्राकृतिक खेती, उन्नत किस्मों, और विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें समृद्ध बनाने के उद्देश्य से दिनांक 29 मई से 12 जून 2025 तक ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ संचालित किया जाएगा। इसी अभियान की प्रभावी तैयारियों के लिए विधान भवन स्थित कार्यालय में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में कृषि तथा अनुषांगिक विभागों उद्यान, सहकारिता, मत्स्य, पशुधन तथा गन्ना विभागों की एक उच्चस्तरीय अंतर्विभागीय बैठक सम्पन्न हुई।
कृषि मंत्री शाही ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह अभियान प्रदेश के किसानों को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी सम्बंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए इस अभियान को परिणामदायी बनाएं। बैठक में तय किया गया कि अभियान के दौरान किसानों को प्राकृतिक खेती, जैविक उर्वरकों और जैविक कीटनाशकों के प्रयोग के प्रति प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि पर्यावरण के अनुकूल खेती को बढ़ावा मिल सके। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर किसानों को उनके खेत की उर्वरता के अनुसार उचित फसल और संतुलित उर्वरक उपयोग के बारे में जागरूक किया जाएगा।
बैठक में खरीफ फसलों के लिए जल प्रबंधन को एक आवश्यक विषय मानते हुए इस पर विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा कृषि ड्रोन प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन कृषि विज्ञान केंद्रों, आई.सी.ए.आर. संस्थानों और इफको के माध्यम से कराया जाएगा ताकि किसान आधुनिक यंत्रों की उपयोगिता से परिचित हो सकें। अभियान के दौरान किसानों को उन्नत तकनीकों, नई किस्मों और राज्य एवं केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रति भी जागरूक किया जाएगा।
प्रचार-प्रसार के लिए किसान सेवा रथों का संचालन किया जाएगा, जिनके माध्यम से गांव-गांव जाकर योजनाओं की जानकारी ऑडियो-विजुअल माध्यम से दी जाएगी। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का इस अभियान में विशेष प्रयोग सुनिश्चित किया जाएगा। वैज्ञानिकों के माध्यम से फसल विविधीकरण, जलवायु परिवर्तन के अनुसार खेती की रणनीति, क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार धान, मक्का, अरहर, उर्द व तिल जैसी खरीफ फसलों की उन्नत प्रजातियों के चयन, व उनके समुचित प्रबंधन पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही धान की सीधी बुआई (डायरेक्ट सीडेड राइस-एसडीआर) विधि तथा दलहनी फसलों की रिज एंड फरो विधि जैसी उन्नत बुवाई तकनीकों पर किसानों को प्रशिक्षण देकर उन्हें नई कृषि विधियों से अवगत कराया जाएगा।
बैठक के अंत में कृषि मंत्री ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान को जन आंदोलन का रूप देना होगा। इसके लिए सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से तय करनी होगी ताकि किसानों तक लाभ पहुंचाने में कोई कमी न रह जाए। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे समयबद्ध ढंग से कार्य योजना बनाएं और अभियान के हर चरण में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करें।
गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने किसानों को सह-फसली खेती करने तथा प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित करने की बात कही। पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि कृषि तथा पशुपालन पूरक व्यवसाय है इसलिए किसानों को चारे के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसके साथ ही देशी बीजों के उत्पादन और देशी गाय की गोबर से खाद तैयार करने के लिए प्रेरित किया जाए। मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने कहा कि इस जागरूकता कार्यक्रम में मत्स्य पालक किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए विशेष प्रयासों को भी शामिल किया जाए।
सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि इस जागरूकता तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम की एकसमान तथा लिखित रूपरेखा तैयार कर नोडल अधिकारियों के माध्यम से प्रशिक्षिकों को समय पर उपलब्ध करा दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में नाबार्ड की भी सहायता ली जा सकती है।उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि इस अभियान के दौरान हमें बागवानी के क्षेत्र में विशेष रूप से औषधि, मसालें तथा फूलों की खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जाना चाहिए। जिससे किसान कम क्षेत्र में मूल्यवर्द्धक फसलें पैदा कर सकेंगे। गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्याम बिहारी गुप्ता ने कहा कि कृषि के अध्ययनरत विद्यार्थियों को किसानों के खेतों तक ले जाना आवश्यक है, जिससे उन्हें खेती-किसानी की वास्तविक समस्याओं का पता चल सकें। कृषि उत्पादन आयुक्त श्री दीपक कुमार ने कहा कि सभी विभागों से संबंधित कार्यक्रमों की जानकारी देने वाला एक समन्वित फोल्डर तैयार कर कृषकों को उपलब्ध कराया जाएगा।
बैठक में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता, प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र, सचिव कृषि इन्द्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव कृषि टी.के. शीबू और ओ.पी. वर्मा, विशेष सचिव सिंचाई अरविंद कुमार चौरसिया, अपर आयुक्त सहकारिता श्रीकांत गोस्वामी, महानिदेशक मत्स्य राजेश प्रकाश, महानिदेशक उपकार संजय सिंह, निदेशक कृषि जितेन्द्र तोमर, निदेशक उद्यान विजय बहादुर द्विवेदी, निदेशक पशुपालन योगेंद्र सिंह, निदेशक मत्स्य एन एस रहमानी तथा अन्य विभागीय अधिकारीगण सम्मिलित रहे।
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रिपोर्ट: राजेश मिश्रा