
Prayagraj News-इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उखत्तर प्रदेश के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वेबसाइट पर केवल “स्पीकिंग ऑर्डर का सारांश” अपलोड न करें अपितु पूरा आदेश अपलोड किया जाय।
कहा कि वेबसाइट पर आदेश अपलोड न होने के कारण प्रभावित पक्षों को कोर्ट का रुख करना पड़ रहा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकल पीठ ने कौशांबी की सहायक अध्यापिका श्रीमती वंदना सिंह की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि उन्हें केवल कार्यालय ज्ञाप दिया गया,स्पीकिंग ऑर्डर की प्रति नहीं सौंपी गई। ऐसे में यदि ज्ञाप रद्द भी हो जाए तो स्पीकिंग ऑर्डर अलग से चुनौती देनी होगी। इसलिए विस्तृत आदेश उपलब्ध कराया जाय।
सरकार की तरफ से आश्वस्त किया गया कि याची को 72 घंटे के भीतर स्पीकिंग ऑर्डर की प्रति उपलब्ध करा दी जाएगी। कोर्ट ने याची को आदेश मिलने पर चुनौती देने की छूट देते हुए याचिका निस्तारित कर दी।
कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी, कौशाम्बी पर 2000 रुपये का हर्जाना भी लगाया और आदेश दिया कि आदेश की प्रति के साथ साथ याची को हर्जाने का भुगतान किया जाय।साथ ही, बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव को निर्देशित किया कि भविष्य में आदेश अपलोड करने से पहले उसकी प्रति संबंधित कर्मचारी को देना अनिवार्य किया करें।
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रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज