69000 शिक्षक भर्ती : सुप्रीम कोर्ट में नहीं हुई सुनवाई, पीड़ित अभ्यर्थी निराश

Up news- उत्तर प्रदेश के  शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला मामले में मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी। जबकि सुनवाई के लिए केस सप्लिमेंर्टी लिस्ट में 40 वे नंबर लगा था।

आरक्षित वर्ग की ओर से कोर्ट में उपस्थिति अधिवक्ताओं ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को केस के संबंध में अवगत कराया, तो उन्होंने अगली किसी डेट पर मामले को सुने जाने को कहा है।
वहीं मंगलवार को सुनवाई नहीं होने से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी हताश और निराश है।

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बात दें की मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में लखनऊ हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेश पर 9 सितंबर को सुनवाई के बाद रोक लगा दी थी और 23 सितंबर को सुनवाई के लिए आदेश दिया था। लेकिन सुनावाई नहीं हो सकी थी। मामले में अगली तारीख 15 अक्टूबर तय की गई थी। इससे पहले 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच ने एक फैसला दिया था। जिसे अनारक्षित वर्ग के कुछ अभ्यर्थीयों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया है। जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने और सरकार ने इस फैसले को सही माना हैं। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सरकार से इसका पालन किए जाने के लिए आग्रह भी किया। लेकिन सरकार इस पर आगे नहीं बढ़ पाई और अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।

आरक्षित वर्ग की ओर से आंदोलन व कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है। लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली करती रही। अब ममला सुप्रीम कोर्ट में आया है हमें पूरी उम्मीद है कि हमें यहां भी न्याय मिलेगा।

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