हिन्दी शिक्षक डॉ० चन्द्रशेखर तिवारी हुए भारत गौरव सम्मान-2023 से सम्मानित

संजय द्विवेदी

आदित्य बिड़ला इण्टरमीडिएट कॉलेज, रेणुसागर, सोनभद्र में हिन्दी-शिक्षक डॉ० चन्द्रशेखर तिवारी

सोनभद्र।   उत्तर प्रदेश में ग़ाज़ीपुर जनपद अन्तर्गत मरदह ब्लॉक के ब्राह्मणपुरा सराय मुबारक निवासी और वर्तमान में आदित्य बिड़ला इण्टरमीडिएट कॉलेज, रेणुसागर, सोनभद्र में हिन्दी-शिक्षक के रूप में अध्यापन-कार्य कर रहे डॉ० चन्द्रशेखर तिवारी को शिक्षण एवं लेखन के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए  इण्डिया प्राउड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स द्वारा श्रेष्ठ शिक्षक और लेखक सम्मान के खिताब के रूप में भारत गौरव सम्मान-2023 इण्डिया प्राउड बुक अवार्ड-2023 से सम्मानित किया गया है, साथ ही इस सम्मान को इण्डिया प्राउड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में दर्ज़ भी किया गया है।
     स्थानीय अवधूत भगवान राम पी०जी० कॉलेज, अनपरा सोनभद्र में ग्यारह वर्षों तक हिन्दी-प्रवक्ता एवं विभागाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा दे चुके डॉ० तिवारी वर्ष-2019 से आदित्य बिड़ला इण्टरमीडिएट कॉलेज, रेणुसागर, सोनभद्र में बतौर हिन्दी-शिक्षक के रूप में अध्यापन-कार्य कर रहे हैं। इसके पूर्व डॉ० तिवारी फेफना, रेवतीपुर, बरही, जमानिया एवं पी०जी०कॉलेज, ग़ाज़ीपुर में भी हिन्दी-प्रवक्ता के रूप में पॉंच वर्ष तक अध्यापन-कार्य कर चुके हैं।
     डॉ० तिवारी की अब तक मौलिक और सम्पादित मिलाकर कुल 14 पुस्तकें तथा देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में 80 शोधपत्र और लगभग इतने ही समीक्षा लेख प्रकाशित हैं। उन्होंने तीन दर्जन से अधिक पुस्तकों में अध्याय-लेखन और छह पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन-कार्य करने के साथ ही  विभिन्न राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों एवं वेबीनारों में 75 से अधिक शोधपत्र वाचन एवं लगभग एक दर्जन अन्य लोगों की पुस्तकों की भूमिका लिखकर हिन्दी साहित्य-जगत् में अपनी महत्त्वपूर्ण पहचान बनायी है।
     डॉ० तिवारी को इसके पूर्व भोजपुरी-लेखन के क्षेत्र में पूर्वांचल एकता मंच (रजि०) दिल्ली द्वारा पाॅंचवें विश्व भोजपुरी सम्मेलन 2011 में “डॉ० प्रभुनाथ सिंह सम्मान” तथा हिन्दी साहित्य-लेखन के क्षेत्र में  श्रीगंगानगर शिक्षक-प्रशिक्षण महाविद्यालय टाॅंटिया विश्वविद्यालय, श्रीगंगानगर, राजस्थान एवं गूगनराम एजुकेशनल ऐण्ड सोशल वेलफेयर सोसायटी (रजि०), भिवानी हरियाणा द्वारा “गूगनराम सिहाग साहित्य गौरव सम्मान,” वीरभाषा हिन्दी साहित्य विद्यापीठ, मुरादाबाद द्वारा “ज्ञान रत्न सम्मान,” गहमर वेलफेयर सोसायटी, ग़ाज़ीपुर द्वारा गोपालराम गहमरी की स्मृति में आयोजित साहित्यकार-सम्मेलन में समीक्षा के क्षेत्र में लेखन के लिए “स्व० बालमुकुन्द सिंह स्मृति सम्मान,” राष्ट्र, संस्कृति व समाज हित समर्पित संस्था परिवर्तन योगेश (रजि०), नई दिल्ली द्वारा “परम भूषण अवॉर्ड” और विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर बिहार के द्वारा मौन तीर्थ, रामघाट, उज्जैन मध्यप्रदेश में आयोजित चौबीसवें अधिवेशन में “विद्यासागर (डी०लिट्०) सम्मान” से भी सम्मानित किया जा चुका है।
    डॉक्टर तिवारी आज अपने लेखन के बल पर जहाॅं साहित्यकारों के बीच समादृत हैं; वहीं अपनी सहजता, सौम्यता, विनम्रता और कार्य-कुशलता के चलते अपने सहयोगी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के बीच भी प्रिय हैं।

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