
70 किसानों को मिली नई तकनीकी जानकारी, मशरूम उत्पादन किट भी किया गया वितरित
सिगरौली।हिंडालको महान के सीएसआर विभाग द्वारा किसानों को नए कृषि उद्यमों से जोड़ने और उनकी आय के वैकल्पिक साधन विकसित करने के उद्देश्य से 2 दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण बरैनिया और पोखरा गांव में संपन्न हुआ, जिसमें 70 किसानों ने भाग लिया। तकनीकी सहयोग के रूप में उत्कर्ष जैविक कृषि संस्थान की विशेषज्ञ टीम ने मशरूम उत्पादन की आधुनिक तकनीकों से किसानों को अवगत कराया।
कार्यक्रम का उद्घाटन एवं मुख्य संबोधन
कार्यक्रम के पहले दिन हिंडालको महान के मानव संसाधन प्रमुख डॉ. विवेकानंद मिश्रा ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा,
“मशरूम उत्पादन एक ऐसा कृषि व्यवसाय है, जो कम लागत में अधिक लाभ देने की क्षमता रखता है। हिंडालको महान का सीएसआर विभाग हमेशा किसानों को नई तकनीकों से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने में मदद करता रहा है।”
सीएसआर प्रमुख संजय सिंह ने भी कार्यक्रम में किसानों को प्रेरित करते हुए कहा कि,
“खेती सिर्फ परंपरागत तरीकों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि हमें आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाकर इसे फायदे का धंधा बनाना होगा। मशरूम उत्पादन न केवल अतिरिक्त आय का स्रोत बन सकता है, बल्कि सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर किसान अपने व्यवसाय को और भी सफल बना सकते हैं।”
तकनीकी प्रशिक्षण और सफलता की कहानियां
प्रशिक्षण के दूसरे दिन उत्कर्ष जैविक कृषि संस्थान के विशेषज्ञ मनीष मौर्य ने प्रोजेक्टर के माध्यम से सफल मशरूम उद्यमियों की कहानियां साझा कीं और किसानों को मशरूम उत्पादन की वैज्ञानिक विधियां सिखाईं। उन्होंने बताया कि कैसे सही तकनीक अपनाकर किसान इस व्यवसाय में बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं।
मानव संसाधन विभाग से दीपाली ने भी किसानों को प्रेरित करते हुए कहा,
“मशरूम उत्पादन को अपनाकर किसान अपनी आजीविका को एक नया आयाम दे सकते हैं। खासतौर पर महिलाओं की इस कार्य में बढ़ती भागीदारी एक सकारात्मक संकेत है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।”
कार्यक्रम में रितु मौर्या ने भी किसानों को संबोधित करते हुए मशरूम खेती को एक बेहतरीन व्यवसाय बताया और इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया।
किसानों को दिया गया उत्पादन किट
प्रशिक्षण के समापन अवसर पर सभी 70 किसानों को मशरूम उत्पादन किट प्रदान किया गया, जिससे वे अपने घर पर ही मशरूम की खेती शुरू कर सकें।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में विशेष योगदान
कार्यक्रम की सफलता में अरविंद वैश्य, कमलेश, खलालू, जियालाल, संजीव और फूलमती का विशेष योगदान रहा। इन सभी ने आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम का सफल संचालन बीरेंद्र पांडेय द्वारा किया गया। इस कार्यशाला के माध्यम से किसानों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और उनकी आर्थिक स्थिति सशक्त बनाने का प्रयास किया गया, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।