‘नए उत्तर प्रदेश में अपराध की कोई जगह नहीं’, गोरखपुर में आरएफएसएल के नए भवन का लोकार्पण पर बोले सीएम योगी

Gorakhpur News. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखपुर में उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) के नए भवन के लोकार्पण समारोह को संबोधित किया।

Gorakhpur News. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखपुर में उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) के नए भवन के लोकार्पण समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नए उत्तर प्रदेश में वह दौरा समाप्त हो चुका है, जब पीड़ित इधर-उधर भटकता था और अपराधी खुलेआम घूमते थे। उन्होंने 2017 के बाद के नए उत्तर प्रदेश में अपराध के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई अपराध करने की हिम्मत भी करेगा तो उसे कीमत चुकानी होगी।

सीएम योगी ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब्स और साक्ष्य संकलन की ऐसी व्यवस्था लागू की है, ताकि कोई अपराधी बच न पाये। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले यूपी में सिर्फ चार विधि विज्ञान प्रयोगशाला थीं, लेकिन अब 12 है, जिसमें से छह निर्माणाधीन हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में प्रत्येक कमिश्नरेट को आधुनिक फॉरेंसिक लैब की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने आगे कहा कि हर जिले में फॉरेंसिक साक्ष्य संकलन के लिए मोबाइल वैन उपलब्ध कराई गई हैं।

पुलिसकर्मियों की भर्तियों का किया जिक्र

सीएम ने कहा कि जिन अपराधों में सात साल से अधिक सजा होती है, उनके लिए अब फॉरेंसिक जांच अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि फॉरेसिंक लैब युवाओं के लिए रोजगार का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में स्थापित ‘यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस’ में लैब टेक्नीशियन, साक्ष्य मिलान और विशेषज्ञता के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। यहां एआई, ड्रोन, रोबोटिक्स और एडवांस डीएनए डायग्नोस्टिक्स जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीते 8 सालों के दौरान 2.19 लाख पुलिसकर्मियों की भर्तियां की गई हैं। उन्होंने कहा कि भर्तियों के साथ ही प्रशिक्षण क्षमता का भी विस्तार  किया गया है। अब प्रदेश में 50,000 से अधिक कर्मियों को एक साथ प्रशिक्षण दिया जा सकता है, पहले कुल क्षमता 6000 थी।

सीएम ने कहा कि पहले महिला श्रम की भागीदारी कम थी, इससे सबसे बड़ा कारण असुरक्षा था। लेकिन आज कामकाजी महिलाओं की भागदीदारी 35 फीसदी से अधिक है।। उन्होंने इस दौरान 112 हेल्पलाइन, एम्बुलेंस, अग्निशमन सेवा और साइबर हेल्प लाइन का भी जिक्र किया।

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