एनसीएल ककरी द्वारा कोलगेट पर बने मकान -जमीन पर बुलडोजर चलने के भय से लोगो में भारी आक्रोश,

विस्थापित गैर विस्थापित आंदोलन के लामबंद हो रहे है।

अनपरा सोनभद।एसडीएम दुद्धि सुरेश राय के द्वारा एनसीएल ककरी परियोजना के पत्र पर कार्रवाई करते हुए कोलगेट स्थित सड़क के किनारे गाटा संख्या 485 ,486 व 487 ग्राम परासी की जमीन जो कोल मंत्रालय भारत सरकार सीबीए एक्ट 1975 के तहत एनसीएल ककरी कोल ब्लॉक हेतु 1982 के माध्यम से अधिकृत किया गया था। खतौनी में उक्त तीनों गाटा भी नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड ककरी के नाम अंकित है। अतिक्रमणकारियों के द्वारा उक्त गाटा पर अपना स्वामित्व होने का दावा किया गया है। जिसको निराधार बताते हुए जमीदोज करने का निर्णय लिया गया था, जिसके लिए ज्ञानेंद्र कुमार नायव तहसीलदार दुद्धि को मजिस्ट्रेट नामित करते हुए टीम गठित की थी।   साथ में पुलिस, कानूनगो एवं लेखपाल को नामित किया गया था। उक्त तीनों गाटा पर बने  घर,मकान, वाउंडी  जमीदोज करने का निर्णय लिया गया था। एनसीएल चालू होने से पहले से काबिज व सुप्रीम कोर्ट में भूमि का पट्टा हासिल करने को लेकर पिछले कई वर्षो से कई लोगो के लिए लड़ाई लड़ रहे दावेदार ब्रजेश चंद्र दुबे ने आनन फानन में जिला प्रशासन से घर मकान दीवार को न गिराने का आवेदन दिया।तत्काल एडीएम के आदेश पर कार्य रोका गया। जांच टीम गठित की गई।इधर एक तरफ कोलगेट मार्केट से लेकर मंदिर तिराहा तक लोगों को जमीन मकान से वेदखल होने का भय सताए जा रहा है । कई दशकों से यहां रहवासी निवास रोजी रोटी चला रहे हैं। डी नोटिफिकेशन व अपनी सीमा में पकी दीवार के बाद ककरी परियोजना द्वारा बाउंड्री के बाहर जमीन मकान बेदखल नहीं करने की बात की जा रही है।अब सवाल उठता है।सिर्फ एक बिस्तापित कास्तकारों के जमीन को निशाना बनाने से तमाम सवाल उठ रहे है। वही भूमि का पट्टा हासिल करने को लेकर ब्रजेश दुबे पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रहे है।श्री दुबे का कहना है एनसीएल ककरी के जमीन पर लगभग 826 लोगो  कब्जा है।कितने लोगो पर की गई एफआईआर,कितने लोगो को मकान ध्वस्त हुआ है,उठा रहे है यक्ष के तरह  सवाल।
इस संदर्भ में एसडीएम दुद्धि सुरेश राय ने बताया ध्वस्तीकरण की कारवाई रोकी गई है तत्काल, टीम जांच कर रही है। उस जमीन को पूर्ववत उपयोग कर सकते है।। अब सवाल उठता है क्या,गाटा 485,486,487 कोलगेट के रहवासी अपने मेहनत के पाई पाई से बनाए गए घर मकान को बचा पाएंगे या फिर एनसीएल ककरी के बुलडोजर के शिकार होंगे यह तो समय बताएगा।

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