अवधूत भगवान राम स्नातकोत्तर महाविद्यालय औड़ी अनपरा के 34 वीं वार्षिकोत्सव
अनपरा सोनभद्र । भारतीय सेना के जवानों में जितना आत्म बल है, उतना विश्व की किसी सेना में नहीं है जिसका परिणाम रहा कारगिल युद्ध पर विजय।उक्त उदगार बतौर मुख्य अतिथि सैन्य अधिकारी एवं परमवीर चक्र विजेता कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव ने कारगिल युद्ध की अपने अनुभव को साझा करते हुये अवधूत भगवान राम स्नातकोत्तर महाविद्यालय औड़ी अनपरा के 34 वीं आयोजित वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के दौरान कहा।।कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कारगिल युद्ध की अपने अनुभव को साझा करते हुए उस समय के युद्ध की स्थितियों को छात्रों को सुनाया।हिन्दुस्तान की फौज ने कारगिल की पहाड़ियों पर जंग जीतकर इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है। इन पहाड़ियों पर सैनिकों ने अपने लहू से हर एक पत्थर को पावन किया। आज देश बड़े गौरव और गर्व से इनकी ओर देखता है। उन साथियों की याद आती है जो आज स्थूल शरीर जीवित रूप से से हमारे साथ नहीं हैं। उनके सूक्ष्म शरीर आत्मा आज भी यहां पहरा दे रहे हैं।उन्होंने “मौजूद युवा विद्यार्थियों को मोटिवेशनल स्पीच के माध्यम से जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हर युवा में इतना सामर्थ्य है कि वह अपने कार्य के स्तर को बुलंदियों तक पहुंचाकर बेहतर मुकाम हासिल कर सकते हैं।इसके लिए पागलपन की हद से गुजरना होता है, यानी जुनून के साथ मेहनत करनी होती है. उन्होंने बताया कि बचपन में पुस्तक में ऐसे योद्धा के बारे में उन्होंने पढ़ा था जिसने अकेले ही पाकिस्तान के आठ टैंकों को ध्वस्त कर दिया था और 9वें टैंक को ध्वस्त करने की कोशिश में भारत माता की गोद में सो गए। वह महान योद्धा अब्दुल हमीद थे, जिसका आज बलिदान दिवस है।जिसकी बहादुरी की कहानी पढ़कर मैंने बचपन में ही सेना में जाने का मन बना लिया था।यादव ने कहा कि आज युवाओं को क्रिकेट मैच कब आएगा, यह याद रहता है, अगली मूवी कौनसी रिलीज होगी, वह भी पता है, लेकिन देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे रहा जवान की शौर्य गाथा याद नही है। देश की सरहद पर अदम्य साहस दिखाने वाले अब्दुल हमीद याद नहीं है। उन्होंने कहा कि युवा अपना हीरो सेना के किसी योद्धा को नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों में बुलंदियों पर पंहुचे लोगों को चुनते हैं।इस अवसर प्राचार्य अजय विक्रम सिंह मौजूद रहे।