विश्व पृथ्वी दिवस पर हिंडालको महान में विविध कार्यक्रम
सिगरौली।दुनिया भर में प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है, जो पृथ्वी की संरक्षण और पर्यावरणीय सुरक्षा के महत्व को जागृत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस वर्ष, लोगों ने प्लास्टिक के प्रयोग पर हतोत्साहित करने के लिए कई पहल की हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी को प्रदूषण से बचाना है। हिंडालको महान ने प्लास्टिक मुक्त धरती बनाने के संकल्प के तहत कई कार्यक्रम आयोजित किये जिसमे हिंडालको महान का सी.पी.पी. व पर्यवारण विभाग के साथ साथ सी.एस.आर.विभाग ने लोगो को प्लास्टिक का बहिष्कार करने की अपील की।
इस मुहीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जूट बैगों का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करना था। जूट के बैग प्लास्टिक के मुकाबले प्रदूषण और पर्यावरणीय सुरक्षा में काफी अधिक सहायक होते हैं। इस पहल के तहत, बहुत सारे लोगों ने अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में जूट बैगों का प्रयोग शुरू भी कर दिया है। इससे प्लास्टिक के उपयोग को कम करने में मदद मिलेगी और पृथ्वी को प्रदूषण से बचाने में सहायता मिलेगी।
इसके अलावा, जागरूकता रैलियों का आयोजन किया गया, जिसमें लोगों को पृथ्वी को प्रदूषण से बचाने के लिये जरूरी पर्यावरण हितैसी वैकल्पिक संसाधनों से अवगत कराया गया। जागरूकता रैली के माध्यम से प्लास्टिक के खिलाफ संकल्प लिया और इसे प्रदूषण मुक्त जीवन की दिशा में अपना रुख स्पष्ट किया। इसके अलावा, “प्लास्टिक रूपी राक्षस” के खिलाफ भी कार्रवाई की गई, जिससे प्लास्टिक के दुष्प्रभावों से अवगत कराया। इस मुहिम के तहत, लोगों को प्लास्टिक के प्रयोग से बचने और प्रदूषण को कम करने के लिए सुझाव दिए गये।
इन सभी पहलों का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी को प्रदूषण से बचाना है।यह मुहिम पृथ्वी की संरक्षण में लोगों की सहयोग को बढ़ाने का महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही हिंडालको महान के ओर से दिये गये संदेश में बताया कि सरकारों, संगठनों और व्यक्तिगत स्तर पर हमारी साझी जिम्मेदारी है कि हम प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने और प्रदूषण को रोकने के लिए सामरिक और सामाजिक उपाय अपनाएं।
इस पृथ्वी दिवस पर हम सभी को यह याद दिलाना चाहिए कि हमारी पृथ्वी हमारी माता है और हमें उसकी सुरक्षा का पूर्ण ध्यान रखना चाहिए। हम सभी मिलकर इन पहलों का समर्थन करें और अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने के लिए सक्रिय योगदान दें, ताकि हम एक स्वच्छ और स्वस्थ पृथ्वी का निर्माण कर सकें।